कहते हैं तारे गाते हैं!

कहते हैं तारे गाते हैं!
सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमने कान लगाया,
फिर भी अगणित कंठों का
यह राग नहीं हम सुन पाते हैं!
कहते हैं तारे गाते हैं!
स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथिवी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों से
तारों के नीरव आँसू आते हैं!
कहते हैं तारे गाते हैं!
ऊपर देव तले मानवगण,
नभ में दोनों गायन-रोदन,
राग सदा ऊपर को उठता,
आँसू नीचे झर जाते हैं!
कहते हैं, तारे गाते हैं!
-हरिवंश राय बच्‍चन

4 टिप्‍पणियां:

IMAGE PHOTOGRAPHY ने कहा…

khubsurat rachana

mehek ने कहा…

bahut hi sunder rachana,padhwane ke liye aabhar

श्यामल सुमन ने कहा…

खूबसूरत प्रस्तुति।

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com

ओम आर्य ने कहा…

khubsoorat khyaal hi

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