tag:blogger.com,1999:blog-77027477364182940.post8462829283796019096..comments2023-09-15T15:06:12.957+05:30Comments on हिंदी में मस्ती: काश दुनिया कंप्यूटर होतीNirbhay Jainhttp://www.blogger.com/profile/01833250769620607438noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-77027477364182940.post-12119477046874193682015-10-15T01:00:19.781+05:302015-10-15T01:00:19.781+05:30अरे हाँ जीअरे हाँ जीAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14273060204689050721noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-77027477364182940.post-8403683003405036642009-08-08T09:23:03.231+05:302009-08-08T09:23:03.231+05:30निर्मल जैने जी , क्या यह कविता आपने लिखी है ?निर्मल जैने जी , क्या यह कविता आपने लिखी है ?संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-77027477364182940.post-43262034670358705302009-06-18T16:59:44.452+05:302009-06-18T16:59:44.452+05:30जब भी होती वायरस पीडा
दुनिया को रिफोर्मेट करते
बहु...जब भी होती वायरस पीडा<br />दुनिया को रिफोर्मेट करते<br />बहुत खूब नए नज़रिये के लिये बधाई सही सोच है शायद दुनिया मे इतने तरह के भयानक वायरस आ चुके है कि इसे रिफार्मेट करने की ही आवश्यकता हैM Vermahttp://verma8829.blogspot.com/noreply@blogger.com