हुआ है करम मुझ पे जब से किसी का.....
मोहब्बत मेरी यह दुआ मांगती है,
तेरे साथ तये हो सफर जिंदगी का....
न दो मुझ को पैगामे तर्क-ऐ-ताल्लुक,
कुछ एहसास करलो मेरी बेबसी का...
मेरा दिल न तोडो ज़रा इतना सोचो,
मुनासीब नही तोड़ना दिल किसी का....
तुम्हे अब तरस मुझ पे आया तो क्या है,
भरोसा नही अब कोई जिंदगी का.....
अभी आप वाकिफ नही दोस्ती से,
न इज़हार फरमाए दोस्ती का....
न आना खुशी उनकी बातों मैं हरगिज़,
नही है जहाँ मैं भरोसा किसी का....
अजब हाल है मेरे दिल की खुशी का,
हुआ है करम मुझे पे जबसे किसी का.......