गुनाह कर के सजा से डरते है
ज़हर पीकर दवा से डरते है
हमे दुश्मनों के सितम का खौफ नही
हम तो प्यार की बेवफाई से डरते है.
ज़रूरत नही अल्फाज़ की
प्यार तो चीज़ है एहसास की
पास होते तो बात ही कुछ और थी
दूर से ख़बर है हमे आपकी हर साँस की.
जीते हर बाज़ी तो मशहूर हो गए
आपकी हसी मे हसे तो आसूं दूर हो गए
बस आप जैसे दोस्त की बदोलत हम
कांच से कोहिनूर हो गए.
वो न आए उनकी याद आकर वफ़ा कर गई
उनसे मिलने की तमन्ना सुकून तबाह कर गई
आहट हुई सोचा असर दुआ कर गई
दरवाजा खुला तो देखा मज़ाक हमसे हवा कर गई.
यादो की कीमत वोह क्या जाने
जो ख़ुद ही यादों को मिटा दिया करते है
यादों का मतलब तो उनसे पूछो
जो यादों के सहारे ज़िन्दगी बिता दिया करते है।
-पूजा, गुडगाँव हरियाणा