श्री
पुरुशोत्तामानागेश ओके ने कई बार हिन्दू धर्म की दूसरे धर्मों पर श्रेष्ठता प्रमाणित करने का प्रयास किया है। साथ ही, यह तथ्य भी प्रमाणित करने का प्रयास किया है, कि भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, व उसमें से कई महत्वपूर्ण अंश काट छांट कर या बदल कर बताये बये हैं। उनके दुर्भाग्य से, वे इसे ढंग से पूरा नहीं कर पाये। व वे तथ्य उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों से भी सर्वोच्चान्यायालय को मान्य नहीं रहे। शायद इनके पीछे कोई अन्य छिपे (राजनीतिक) कारण भी रहे हों।
ताजमहल का अस्तित्व
पी.एन. ओक अपनी पुस्तक "ताज महल इस अ हिन्दू टेम्पल" देखिये द ट्रू स्टॊरी ऑफ ताजमहल में 100 से भी अधिक प्रमाण एवं तर्क देकर दावा करते हैं कि क्या ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर है? जिसका असली नाम तेजो महालय है|
श्री पी।एन. ओक के तर्कों और प्रमाणों के अलावा और भी तथ्य
छायाचित्रों के साथ प्रस्तुत है यहाँ पर
ताजमहल का असली में तेजो महालय होने का समर्थन करने वाले ये वेबसाइट्स भी हैं
श्री ओक ने कई वर्ष पहले ही अपने इन तथ्यों और प्रमाणों को प्रकाशित कर दिया था पर दुःख की बात तो यह है कि आज तक उनकी किसी भी प्रकार से अधिकारिक जाँच नहीं हुई| यदि ताजमहल के शिव मंदिर होने में सच्चाई है तो भारतीयता के साथ बहुत बड़ा अन्याय है| विद्यार्थियों को झूठे इतिहास की शिक्षा देना स्वयं शिक्षा के लिये अपमान की बात है|
क्या कभी सच्चाई सामने आ पायेगी?
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
3 टिप्पणियां:
यह पुस्तक मैने भी पढ़ी है ....... इस पर विस्त्रत, तथ्यात्मक खोज होनी चाहिए
hamare desh me bhot kuch chupta hai
mandir ko maszid banane ka kam sultano ne kiya tha
गुलामी से निकलकर हो आजाद भारत
http://mehtablogspotcom.blogspot.com
मित्र आपने बिल्कुल उचित बात हमारे सामने रखी है, मै पिछले दो तीन दिनो से इसी पर लेख तैयार कर रहा हूँ, आपकी पोस्ट आयी बहुत अच्छा लगा कि सोच मेरी ही नही आपकी भी वही जा रही है।
ओक साहब ने जो प्रस्तुत किया है उसे पढ़ना और पढ़ना होगा।
आपको भी उम्दा लेख बहुत बहुत बधाई
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