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मैं कौन हूँ मैं कहाँ से आया और कँहा मुझे है जाना



 मैं कौन हूँ मैं कहाँ से आया और कँहा मुझे है जाना 

में कौन हूँ …२ 
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम 
हर कोई मुझको जाने कैसे, क्या मेरी पहचान 
में कौन हूँ …२ 

सारी दुनिया हम तो घूमे, घूमे चारो धाम 
इत उत में तो घूम के आया, कहाँ  है मेरा धाम 
में कौन हूँ …२ 

इस दुनिया में क्यू आया में, क्या है मेरा काम 
में कौन हूँ …२
 मैं कौन हूँ मैं कहाँ से आया और कँहा मुझे है जाना 

अभी अभी मेरे दिल में ये सवाल आया है




अभी अभी मेरे दिल में ये सवाल आया है
ये कैसी जिंदगी जिसमें मौत का साया है
क्या लेकर आये थे हम इस दुनिया में
जो कुछ है पास हमारे यही पर कमाया है
         अभी अभी मेरे दिल में--------

रोज़ी रोटी के चक्कर में दुनियादारी भूल गये
दौलत के लालच में जाने कितनो को सताया है
क्या अपना क्या तेरा है ये हमें मालूम नहीं
अपने को ही हमने सदा सच्चा बताया है
         अभी अभी मेरे दिल में--------

अपने खाने की याद रही औरों को हम भूल गये
जाने किसने जाने कबसे कुछ भी नहीं खाया है
सच्चाई क्या होती है इसकी हमे खबर नहीं
बस यही कहते रहते है ये सब उसकी माया है
         अभी अभी मेरे दिल में--------

रात गयी और बात गयी हो गयी है अब सुबह नयी
गमो की इन बरसातों में भी गीत ख़ुशी का गया है
जड़ छोड़कर चेतन बन जा बरना पाछे पछतायेगा 
मिल जाएगी मिटटी में ये तेरी कंचन काया है
         अभी अभी मेरे दिल में--------

चोरी डाका झूठ फरेब भरने लगा तू अपनी जेब 
अत्याचारी बनकर तुने क्या मानव धर्म निभाया है
मानव जन्म लिया है तो कुछ मानवता भी दिख्लादे 
भूल गया तू इस दुनिया में किसलिए आया है 
         अभी अभी मेरे दिल में--------


मन का मन का मीत





मीत मिला ना मन का 
मन का मिला ना मीत 
छेड़ो राग प्यार का 
गाओ ख़ुशी के गीत 


किसी मोड़ पर मिल जायेगा 
गर होगी सच्ची प्रीत 
हार से मत घबरा प्यारे
हार के आगे ही है जीत 

मिलना है तो मिल जायेगा 
यही है दुनिया की रीत 
मिल जायेगा मिल जायेगा
सबको मन का मीत 

गर्व से कहो हम हिंदी है




सबसे सरल जानी पहचानी 
राष्ट्र भाषा वो हिंदी है 
लोकप्रिय हो रही विश्व में 
भारत की गरिमा हिंदी है 


हाहाकार क्यों हिंदी को लेकर 
धर्मो का मंथन हिंदी है 
पैदा हुई संस्कृत की कोख से
भाषा की बड़ी बहन हिंदी है


दुनिया मै डंका बजा दिया
अंग्रेजी का दावा झुठला दिया
अस्तित्व को चुनौती दे करके 
अपना साम्राज्य फैला ही लिया


भाषा तो कई मौजूद यहाँ 
अपनी पहचान तो हिंदी है
भाषा के भेदभाव छोड़कर
गर्व से कहो हम हिंदी है 

तेरे बिन




तनहा तनहा रात गुजारी, 
तनहा तनहा दिन 
खयालो में ही खोया रहता हूँ, 
सारा सारा दिन 

नहीं सह सकता विरह की पीडा 
हर पल छिन 
अब तो आजा ओ हरजाई, 
नहीं लगता दिल तेरे बिन

हिंदू हिन्दी हिंदुस्तान



हिंदू हिन्दी हिंदुस्तान 
क्या है भारत की पहचान 
पहले राज किया अंग्रेजों ने 
अब अंग्रेजी के है गुलाम 

देश की आजादी की खातिर 
जाने कितनों ने देदी जान 
हिन्दी को हम भूल रहे है 
अंग्रेजी को समझते शान 

हिन्दी बचाओ के नारे लगाकर 
चला देते हैं हम अभियान 
हालत क्या है हिन्दी की 
इस ओर नहीं है किसी का ध्यान 

अब सब कुछ हिन्दी में होगा 
कहते नेताजी सीना तान 
ख़ुद विदेशी दौरे कर रहे 
छोड़ रहे है अंग्रेज़ी वाण 

उर्दू के खातिर जिन्ना ने 
बना दिया था पकिस्तान 
हिन्दी को हिंगलिश बनाकर 
बोल रहा है हिंदुस्तान 
हिंदू हिन्दी ............. 

विनती सुनलो मातृभूमि की 
ऐ भारत माँ के वीर जवान 
हिन्दी दिवस मनाने से ही 
नहीं बनेगी देश की पहचान 
हिंदू हिन्दी ............. 

हिन्दी आवश्यक भाषा है 
सबको सुना दो ये फरमान 
तभी होगा एक ये भारत 
हिंदू हिन्दी हिंदुस्तान

जय हिन्द !

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