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मौन जुलूस - तीर्थराज सम्मेद शिखर जी

 तीर्थराज सम्मेद शिखर जी को सरकार द्वारा पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में 

रविवार, 25 दिसम्बर 2022 को 

श्री दिगम्बर जैन मंदिर लाला गोकुल चन्द जी जैसवाल जैन पंचायती, तेरहपंथी लोहामण्डी, ग्वालियर

श्री दिगम्बर जैन मंदिर वासुपूज्य पंचायती सोड़ा का कुआ, ग्वालियर

सकल जैन समाज द्वारा निम्नानुसार आयोजन किया जा रहा है- 

मौन यात्रा सायं 5.30 बजे लाला गोकुलचंद जैसवाल जैन पंचायती मंदिर से प्रारंभ होकर 

किला गेट होते हुए हजीरा चौराहा पहुंचेगी।

समस्त महानुभावों माता बहनों एवं बच्चों से अनुरोध है कि उपरोक्त जुलूस
में सपरिवार शामिल हो कर समाज में एकता का परिचय दें।


जिस पुण्य शिखर से मोक्ष गये....


श्री सम्मेदशिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में कविता।

आभार आपका मोदी जी
क्या अच्छे दिन दिखलाये हैं!
जिसको निज मुल्क समझते थे
उसमें ही आज पराये हैं!

है धन्यवाद श्री अमित शाह
क्या मौन आपने साधा है
बे-इज्ज़त अपने होने दो
लगता है यही इरादा है।

है बड़ा शुक्रिया अख़बारों
आभार मीडिया वालों का
यह मुद्दा कोई मुद्दा है?
स्वागत है सिर्फ़ मसालों का।

हम इसीलिये अपमानित हैं
हम सीधी रेखा वाले हैं?
उनको गिनती में क्या लेना
जो लोग अहिँसा वाले हैं?

तो उतर आयें हम हिंसा पर?
तब ही सुनवाई होगी क्या?
कर दें बवाल यह चमन लाल?
तब बात हमारी होगी क्या?

इस लोकतंत्र के शासन में
क्या यही देखना बाकी है?
क्या यही आपकी नीती है
क्या यही नई परिपाटी है?

हम जैन धर्म के लोगों की
गिरवी धड़कन धड़कन कर दी?
श्रद्धा के उन्नत स्थल पर
अब पहल पर्यटन की कर दी?

अनगिनत महा मुनिराजों ने
जिस धरा से पाई शिवनगरी
जिस पुण्य शिखर से मोक्ष गये
जैनों के बीस जिनेश्वर जी।

सम्मेदशिखर के उस ध्वज पर
वाज़िब है सैर सपाटा क्या?
ग़र रँग - रेलियाँ होने दें!
कर लोगे पूरा घाटा क्या?

कवि अमित जैन मौलिक पूछे
कितना राजस्व कमा लोगे?
*यह ज़िद छोड़ो बोलो हमसे*
*पीछे हटने का क्या लोगे?*

सिंहासन वालो सावधान!!
मत पीना ज़हर भरा प्याला
हम महावीर के वंशज हैं
है रक्त वही हिम्मतवाला।

हमको हल्के में मत लेना
हम ईंट से ईंट हिला देंगे
जो वार करेगा सीने पर
मिट्टी में उसे मिला देंगे।

तो राज्य केंद्र के हाकिम सब
यह कान खोलकर के सुन लें
तत्क्षण यह नोटिस वापिस लें
या शंखनाद रण का चुन लें।


रचनाकार - कवि रजत जैन मोब. 9811635635
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पावन सम्मेद शिखर, जो जैन धर्म की गाथा

 प्रसिद्ध पावन जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर को 
पर्यटन क्षेत्र बनाये जाने की घोषणा का विरोध करती कविता

कैसी नीति,दृष्टि है कैसी,कैसा कुटिल इरादा है,

क्यो शासन सम्मेद शिखर के शोषण पर आमादा है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो मोक्ष ज्ञान की थाती है,

जो हर जैनी के जीवन की चिर आलोकित बाती है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो,जैन धर्म की गाथा है,

जिसका शिखर,तत्व दर्शन का तेज प्रतापी माथा है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो आभा से निष्कामी है,

त्याग साधना तप की चोटी,आत्मज्ञान सदनामी है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो पार्श्वनाथ की छाया है,

बीस तीर्थंकर का जिसमे महा निर्वाण समाया है,

उसी शिखर की मर्यादा का मान घटाने निकले हो,

तीर्थ भूमि को पिकनिक का स्थान बनाने निकले हो,

सन्यासी परिवेश तुम्हे क्या भोग विलासी करना है?

तीरथ को टूरिज़्म बनाकर सत्यानाशी करना है?

तुलसी के गमले में तुमको मनी प्लांट लगवाने है?

मन को शांति जहां मिलती हों, वहां शोर करवाने हैं?

तीरथ को पर्यटन बनाकर कैसे गुल खिलवाने है?

जहां मोक्ष का तत्व वहां पर हनीमून करवाने है?

लेकर आड़ पर्यटन की क्या भोगी तुम्हे बुलाने हैं,

मुनियों के चिन्हों के ऊपर डिस्को बार खुलाने है,

ये कुत्सित उन्नति के प्याले औऱ कहीं तुम भर लेते,

ऐसा करने से पहले शर्म ज़रा सी कर लेते,

जो समाज भारत को ऊंची अर्थवयवस्था देता हो,

जो भारत का सबसे बढ़कर इनकम टैक्स प्रणेता हो,

वो समाज ही मिला तुम्हे अंदर तक ज़ख्मी करने को,

पुण्य कमंडल छीन रहे हो,कीचड़ का जल भरने को,

ओ दिल्ली के तानाशाहों,नही कुठाराघात करो,

जिसने तुमको ताकत दी,उस पर ही मत आघात करो,

शासन को यूं मनमानी में मस्त नही होने देंगे,

हम सम्मेद शिखर का सूरज अस्त नही होने देंगे,

कवि गौरव चौहान कहे,यह नीति सरासर काली है,

इसीलिए हमने शब्दो की ये तलवार उठा ली है,

चेतावनी हमारी सुन लो,इस निर्णय को शुद्ध करो,

निर्मल और अहिंसक मन को साज़िश से मत क्रुद्ध करो,

अय्याशी के दौर न होंगे,पार्श्वनाथ की कक्षा में,

हर हिन्दू है खड़ा यहां सम्मेद शिखर की रक्षा में

--कवि गौरव चौहान | 9557062060

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