यमराज का इस्तीफा

एक दिन यमदेव ने दे दिया अपना इस्तीफा। 
मच गया हाहाकार बिगड़ गया सब संतुलन, 
करने के लिए स्थिति का आकलन, 
इन्द्र देव ने देवताओं की आपात सभा बुलाई 
और फिर यमराज को कॉल लगाई। 

डायल किया तो 
कृपया नम्बरजाँच लें की आवाज आई 
नये ऑफ़र में नम्बर बदलने की आदत से 
इन्द्रदेव को गुस्सा आई 
पर मामले की नाजुकता को देखकर, 
मन की बात उन्होने मन में ही दबाई। 
किसी तरह यमराज के नए नंबर की जुगाड़ लगाई , 
फिर से फोन लगाया गया तो '
झलक दिखलाजा झलक दिखलाजा ' की 
कॉलर टयून दी सुनाई 

सुन-सुन कर ये धुन सब बोर हो गये 
ऐसा लगा शायद यमराज जी सो गये। 
तहकीकात करने पर पता लगा, 
यमदेव पृथ्वीलोक में रोमिंग पर हैं, 
शायद इसलिए नहीं दे रहे हैं हमारी कॉल पे ध्यान, 
क्योंकि बिल भरने में निकल जाती है उनकी भी जान। 

जब यमराज हुये इन्द्र के दरबार में पेश, 
तब पूछा-यम क्या है ये इस्तीफे का केस? 
यमराज जी ने अपना मुँह खोला और बोले- 
हे इंद्रदेव। 
'मल्टीप्लैक्स' में जब भी जाता हूँ, 
'भैंसे' की पार्किंग न होने की वजह से 
बिन फिल्म देखे, ही लौट के आता हूँ। 
'मैकडोन्लड' वाले तो देखते ही इज्जत उतार देते हैं 
और ढ़ाबे में जाकर खाने-की सलाह दे देते हैं। 
मौत के काम पर जब पृथ्वीलोक जाता हूँ 
'भैंसे' पर देखकर पृथ्वीवासी भी हँसते हैं 
और कार न होने के ताने कसते हैं। 

भैंसे पर बैठे-बैठे झटके बड़े रहे हैं 
वायुमार्ग में भी अब ट्रैफिक बढ़ रहे हैं। 

रफ्तार की इस दुनिया मैं, भैंसे से कैसे काम चलाऊ 
आप कुछ समझ रहे हो या कुछ और बात बताऊ 

अब तो पृथ्वीवासी भी कार दिखा कर चिडाते है 
चकमा देकर मुझेसे आगे निकल जाते है 
हे इन्द्रदेव। मेरे इस दु:ख को समझो और 
चार पहिए की जगह चार पैरों वाला दिया है 
कह कर अब मुझे न बहलाओ, 
और जल्दी से 'मर्सिडीज़' मुझे दिलाओ। 

वरना मेरा इस्तीफा अपने साथ ले जाओ। 
और मौत का ये काम अब किसी और से कराओ

अगर कोई लुटारे आप से जबरदस्ती आप के ATM से पैसा निकलने को मजबूर करे तो ?

यार आज कल के ज़माने मे लुटारे भी समझदार हो गए है , आप भले ही खली हाथ हो , पर साले आप की जेब से झाकते ATM CARD को देखते ही आप को लुटने का प्लान बना लेते है , अब आप के पास कोई OPTION तो है नही , चुप चाप चलो , ATM BOOTH पर , मशीन मे कार्ड डालो , अब ............... रुको यही तो समझ दरी दिखानी है , आप को अपना कोड उल्टा डालना है , मतलब यदि आप का कोड है 12345 तो आप कोड डालोगे 54321 इससे आत्म मशीन आप को पैसा तो दे ही देगी साथ मे पुलिस को भी तुंरत आप के लुटे जाने की ख़बर कर देगी , ये आप्शन सभी ATM MACHINO मे लगा है , पर जानकारी का आभाव हमे पंगु बना देता है

शायरी

sलम्हो मे जो कट जाए वो क्या जिंदगी,
ऑसुओ मे जो बह जाए वो क्या जिंदगी,
जिंदगी का फलसफां हि कुछ और है,
जो हर किसी को समझ आए वो क्या जिंदगी ।

सूरज पास न हो, किरने आसपास रहती है,
दोस्त पास हो ना हो, दोस्ती आसपास रहती है,
वैसे ही आप पास हो ना हो लेकिन,
आपकी यादें हमेशा हमारे पास रहती है.

सोचते थे हर मोड पर आप का इंतेज़ार करेंगे..
पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर, पर,
कम्भाकत सड़क ही सीधी निकली...

हम ने माँगा था साथ उनका,
वो जुदाई का गम दे गए,
हम यादो के सहारे जी लेते,
वो भुल जाने की कसम दे गए!

आपके दिल में बस्जयेंगे एस एम एस की तरह.,.,
दिल में बजेंगे रिंगटोन की तरह.,.,
दोस्ती कम नहीं होगी बैलेंस की तरह.,.,
सिर्फ आप बीजी ना रहना नेटवोर्क की तरह.....

खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
खिड़की से देखा तो रस्ते पे कोई नहीं था,
रस्ते पे जा के देखा तो खिड़की पे कोई नहीं था...

आंसुओ को लाया मत करो,
दिल की बात बताया मत करो,
लोग मुठ्ठी मे नमक लिये फिरते है,
अपने जख्म किसी को दिखाया मत करो।

यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?

शहर की इस दौड़ में दौड़ के करना क्या है?
जब यही जीना है दोस्तों तो फ़िर मरना क्या है?

पहली बारिश में ट्रेन लेट होने की फ़िक्र है
भूल गये भीगते हुए टहलना क्या है?

सीरियल्स् के किर्दारों का सारा हाल है मालूम
पर माँ का हाल पूछ्ने की फ़ुर्सत कहाँ है?

अब रेत पे नंगे पाँव टहलते क्यूं नहीं?
108 हैं चैनल् फ़िर दिल बहलते क्यूं नहीं?

इन्टरनैट से दुनिया के तो टच में हैं,
लेकिन पडोस में कौन रहता है जानते तक नहीं.

मोबाइल, लैन्डलाइन सब की भरमार है,
लेकिन जिग्ररी दोस्त तक पहुँचे ऐसे तार कहाँ हैं?

कब डूबते हुए सुरज को देखा त, याद है?
कब जाना था शाम का गुज़रना क्या है?

तो दोस्तों शहर की इस दौड़ में दौड़् के करना क्या है
जब् यही जीना है तो फ़िर मरना क्या है?

भैंस चालीसा



महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं
महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा
कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
मोटी अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते

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