आज की नारी कहा गई साड़ी

आज की नारी कहा गई साड़ी
छोर शर्म और पी रही पानी
कहते थे अबला जिसको हम
आज जाने कहा से आगया हें इसमे दम
आज की नारी ........................
पहनती हें मर्दों जेसे कपड़े
रोड पर करती हे झगडे
करती हे मन मानी
कहलाती हे कलयुग की रानी
आज की नारी ..............................
केसा आजकल का पहनावा हे
लड़को को ख़ुद देती बढावा हे
लड़के देखकर मरते हे सेटी
आखो मैं अ़ब नही शर्म का पानी
आज की नारी ...........

भारत प्यारा देश हमारा

भारत प्यारा देश हमारा
सब देशों में सबसे न्यारा
हम सबका बस एक ही नारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
भारत प्यारा... ..........

रहे सलामत गणतंत्र हमारा
बजे हमेशा लोकतंत्र का नगारा
कितना सुंदर कितना प्यारा
इससे से तो हर दुश्मन हारा
भारत प्यारा... ..........

ये बेचारा देश हमारा
नेताऒ के बोझ का मारा
इसे चाहिए युवाओं का सहारा
नेता मिले भगत, सुभाष सा प्यारा
भारत प्यारा... ..........

मिलजुलकर सब एक हो यारा
बस यही हो संकल्प हमारा
भारत माँ का बनो दुलारा
सबने
मिलकर यही पुकारा
भारत प्यारा... ..........

अब तो फांसी देदो जनाब

हां मैंने ही बरसाई मौत चुप्पी तोड़ बोला कसाब क़बूल कर लिया अपना गुनाह अब तो फांसी देदो जनाब बहुत खेल लिया मौत का खेल अब नहीं रहना मुझको जेल ऊपर जाकर देना है खुदा को अपने कर्मो का हिसाब अब तो फांसी देदो जनाब अब मुझसे सहन नहीं होती ये रोज रोज की रिमांड बार बार इस पूछताछ से हो गया है दिमाग ख़राब अब तो फांसी देदो जनाब जो कुछ था सब बता दिया है अब क्या है मेरे पास बहुत हो गई मुकदमा बाजी बंद करो ये मेरी किताब अब तो फांसी देदो जनाब क़बूल कर लिया अपना गुनाह अब तो फांसी देदो जनाब

ऐ जिंदगी

तुम बिन
जी रहे हैं जिंदगी
कि साँसों में तुम हो ......
जब आँखें बंद करते हैं
तो ख़्वाबों में तुम हो ..........
जब बोलते हैं
तो बातों में तुम हो ......
लिखते हैं कुछ तो
हर लफ्ज़ में तुम हो .......
धड़कता हैं दिल
तो हर धड़कन में तुम हो ........
जी रहे हैं अभी तक
क्यों कि जान तुम हो.....
( शशि ,जयपुर )

मेरा दिल कब से भटक रहा है


अधि शूली पर लटक रहा है
मेरा दिल कब से भटक रहा है
पवन समां से जल न जाये
गिर्द ह्रदय से मटक रहा है
वजूद मेरा भी फनी है क्या
सवाल बर्षो से खटक रहा है
और ये दुनिया अजीब जगह है
पर दिल क्यों इसको झटक रहा है
- रश्मि सरावगी (काठमांडू)

हिन्दी में लिखिए

विजेट आपके ब्लॉग पर

बॉलीवुड की पुकार "मैं झुकेगा नहीं साला"

बाहुबली से धीरे धीरे, आई साउथ की रेल रे..... केजीएफ- सुशांत से बिगडा, बॉलीवुड का खेल रे..... ऊपर से कोरोना आया, उसने सबका काम लगाया फिर आया ...

लोकप्रिय पोस्ट