दीवाली में दीवाला


देखो देखो दिवाली आयी
रंग बिरंगी रोशनी लाई
ये त्यौहार है खुशियो वाला
महा लक्ष्मी के पूजन वाला

आओ सब मिली खुशी मनाये
आओ जलाये दीपों की माला
लक्ष्मी जी की पूजा करे
हो जाए सब जगह उजाला

लेकिन महंगाई के आलम में तो
सबका हुआ है हाल बेहाला
हम तेल के दीप को तरस रहे
कोई दीप जला रहा घी वाला

अबकी दीवाली तो हो गयी फीकी
आलू - शक्कर ने दम निकला
मंत्री नेता की हो रही दीवाली
और अपना तो निकल गया दीवाला

" गांधीजी को किया कैद कागज़ पर "---- हमसे जुडा एक सच |


" गांधीजी "को मारनेवाले हम लोग जब उनकी तारीफ करते है ...तो बड़ा अजीब लगता है , गाँधी की तस्वीर को चाहते है हम, मगर उनके सिद्धांतो को भूल गए है ....और इसी लिए कहेता हु मै की , " गाँधी को मारनेवाले हम लोग ही है "..अगर गाँधी के सिद्धांतो को भूल जाते है हम तो ये गाँधीजी को मारने बराबर ही है "
" सिर्फ़ उनकी याद में उनके जन्म दिन पर दो अच्छी बातें लिखकर गाँधी को याद करने का हक सायद हम भारतवासियों ने खो दिया है उनके ....सिद्धांतो को मारकर कौन करता है उनके सिद्धांतो का पालन ...क्या हम करते है ?..नही ,"क्यों की गाँधी की तस्वीर अच्छी है ,मगर उनके सिद्धांत ये ज़माने में फिट नही बैठ ते "..सायद यही जवाब होगा आप सब का ? गाँधी जयंती आई, चलो याद करे गांधीजी को ....दो फूल ले आओ ,एक माला ले आओ ...दो चार देश भक्ति के गीत गाओ और भूल जाओ "गांधीजी" को , दुसरे दिन वही गांधीजी की तस्वीर तले बैठ कर आराम से "रिश्वत" दो ..क्या यही है गांधीजी का सिद्धांत ? क्या यही सीखे है हम उनके जीवन चरित्र से ? "
" माउन्ट ब्लांक " जैस्सी विदेशी कम्पनी जो " गाँधीजी "से प्रभावित होकर ...२४१ पेन ,जो "व्हाइट गोल्ड" से बनी है मार्केट में लॉन्च कर रही है ...जिसका नाम रखा है " गाँधी " ...मगर हम या हमारी निक्कमी सरकार क्या करते है " गांधीजी " के लिए ? ..जवाब है ...कुछ नही ...करते है तो सिर्फ़ उनके सिद्धांतो को तोड़ने का कार्य ही ..."माउन्ट ब्लांक " कम्पनी को धन्यवाद की उन्होंने हमारे " राष्ट्रपिता गांधीजी " की कद्र की ...भले ही उनके पेन की कीमत ११ लाख ३३ हज़ार हो ..अरे क्या हमारे" गांधीजी "के सिद्धांत भी क्या कम अनमोल थे ? जो पेन सस्ता हो "
" गांधीजी के सिद्धांतो को तोड़नेवाले तमाम भारतीयों को सलाम ....दोस्तों " गांधीजी "को सिर्फ़ कागज़ पर कैद मत करो ....उनके सिद्धांतो को जिन्दा रखो ...ये बात मैंने अपनी पिछली पोस्ट याने " गाँधी तेरा राष्ट्र बिगड़ गया " में भी की थी ,आप सब से गुजारिश है दोस्तों की " गांधीजी की तस्वीर के साथ साथ उनके सिद्धांतो को भी जिन्दा रखो ....."
" गांधीजी के सिद्धांतो को कफ़न पहेनाकर, उनकी तस्वीर को फूलो के हार से मत सजाओ ....उनकी तस्वीर के साथ साथ गांधीजी के सिद्धांत भी हमारे लिए कीमती है गांधीजी की तस्वीर दिल में और उनके सिद्धांत अपने साथ रखो ...यही सच्ची रीत होगी उन्हें याद करने की सायद "
" गाँधी " नाम से जुड़े सिद्धांतो को महत्व देना हम भारतीयों का फ़र्ज़ है .....आओ हम मिलकर कहे आज की, गांधीजी को सिर्फ़ तस्वीर बनाकर नही ,बल्कि तस्वीर के साथ साथ उनके सिद्धांतो को भी हम अपने दिल में जिन्दा रखेंगे "
" जय हिंद "
एकसच्चाई { आवाज़ }

मंज़र यादो का

किसीको गम ने मारा ,
किसीको तक़दीर ने मारा ,
हमको तेरी तस्वीर ने मारा |

क्या हमने पाया,
क्या तुमने पाया
ये खेल है ......
मिलके बिछड़ ने का ........

आओ इस वीराने में बैठकर
चंद बूंद गिराकर अश्को के
बुनले मंज़र यादों का |

किए थे कुछ हमने वादे ,
किए थे कुछ तुमने वादे ,
आओ बुनते है इन्ही से
मंज़र यादो का |

जीवन अधुरा सा लगता



आप अगर न आते मेरे जीवन मैं 
ये जीवन अधूरा नजर आता हमें 
कल तक जो अजनबी था मेरे लिए 
आज उसी को दिल चाहता हे 
हर खुशी के लिए कोई हे 
जो दुआ करता हे अपनों मैं 
कुछ मीठे पल याद आते हे सपनो मैं 
मन का पुलकित दीप समर्पित किया तुम्हें 
 आप हमेशा खुश रहो यही दुआ देते हे तुम्हें 
आओ हम आपको आखो मैं छुपा ले 
बेकरार दिल की धड़कन बना ले 
तेरी हर अदा मोह्ह्बत सी लगती हे जिन्दगी 
के हर लम्हे में आपकी जरुरत सी लगती हे 
आपके जीवन में हमेशा खुशिया रहे 
जीवन भर एक दुसरे का साथ रहे 
एक पल भी तेरी जुदाई नहीं सहेंगे 
हम आपसे बिछुड़कर एक पल जी न सकेंगे 
हम आप अगर ............

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