लड़की की शादी हुई ...
दोनों बहुत खुश थे!
स्टेज पर फोटो सेशन शुरू हुआ!
दूल्हे ने अपने दोस्तों का परिचय
साथ खड़ी अपनी साली से करवाया
" ये है मेरी साली , आधी घरवाली "
दोस्त ठहाका मारकर हंस दिए !
दुल्हन मुस्कुराई और अपने देवर
का परिचय अपनी सहेलियो से करवाया
" ये हैं मेरे देवर ..आधे
पति परमेश्वर "
ये क्या हुआ ....?
अविश्वसनीय ...अकल्पनीय!
भाई समान देवर के कान सुन्न
हो गए!
पति बेहोश होते होते बचा!
दूल्हे , दूल्हे के दोस्तों ,
रिश्तेदारों सहित सबके चेहरे से
मुस्कान गायब हो गयी!
लक्ष्मन रेखा नाम का एक
गमला अचानक स्टेज से नीचे टपक कर
फूट गया!
स्त्री की मर्यादा नाम की हेलोजन
लाईट भक्क से फ्यूज़ हो गयी!
थोड़ी देर बाद एक एम्बुलेंस
तेज़ी से सड़कों पर
भागती जा रही थी!
जिसमे दो स्ट्रेचर थे!
एक स्ट्रेचर पर भारतीय
संस्कृति कोमा में पड़ी थी ...
शायद उसे अटैक पड़ गया था!
दुसरे स्ट्रेचर पर पुरुषवाद
घायल अवस्था में पड़ा था ...
उसे किसी ने सर पर गहरी चोट
मारी थी!
आसमान में अचानक एक तेज़ आवाज़
गूंजी .... भारत
की सारी स्त्रियाँ एक साथ
ठहाका मारकर हंस पड़ी थीं !
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ये व्यंग ख़ास पुरुष वर्ग के लिए
है जो खुद तो अश्लील व्यंग
करना पसंद करते हैँ पर
जहाँ महिलाओं कि बात आती हैं
वहां संस्कृति कि दुहाई देते
फिरते हैं
इसे कहते हैं नहले पे दहला