विवाह की बढ़ती उम्र पर खामोशी क्यों...?

 आज समाजिक जागृति चाहिए

30-35 साल की युवक युवतियां बैठे है कुंवारे,
फिर मौन क्यों हैं समाज के कर्ता-धर्ता 

कुंवारे बैठे लड़के लड़कियों की एक गंभीर समस्या - आज कमोबेश सभी समाजों में उभर के सामने आ रही है। इसमें लिंगानुपात तो एक कारण है ही मगर समस्या अब इससे भी कहीं आगे बढ़ गई है। क्योंकि 30 से 35 साल तक की लड़कियां भी कुंवारी बैठी हुई है। इससे स्पष्ट है कि इस समस्या का लिंगानुपात ही एकमात्र कारण नहीं बचा है। ऐसे में लड़के लड़कियों के जवां होते सपनों पर न तो किसी समाज के कर्ता-धर्ताओं की नजर है और न ही किसी रिश्तेदार और सगे संबंधियों की। हमारी सोच कि हमें क्या मतलब है में उलझ कर रह गई है। बेशक यह सच किसी को कड़वा लग सकता है लेकिन हर समाज की हकीकत यही है।

शादी के लिए लड़की की उम्र 18 साल व लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए ये तो अब बस आंकड़ों में ही रह गया है। एक समय था जब संयुक्त परिवार के चलते सभी परिजन अपने ही किसी रिश्तेदार व परिचितों से शादी संबंध बालिग होते ही करा देते थे। मगर बढ़ते एकल परिवारों ने इस परेशानी को और गंभीर बना दिया है। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि एकल परिवार प्रथा ने आपसी प्रेम व्यवहार ही खत्म सा कर दिया है। अब तो शादी के लिए जांच पड़ताल में और कोई तो नेगेटिव करें या न करें अपनी ही खास सगे संबंधी नेगेटिव कर बनते संबंध खराब कर देते है।

उच्च शिक्षा और हाई जॉब बढ़ा रही उम्र

यूं तो शिक्षा शुरू से ही मूल आवश्यकता रही है लेकिन पिछले डेढ़ दो दशक से इसका स्थान उच्च शिक्षा या कहे कि खाने कमाने वाली डिग्री ने ले लिया है। इसकी पूर्ति के लिए अमूमन लड़के की उम्र 23-24 या अधिक हो जाती है। इसके दो-तीन साल तक जॉब करते रहने या बिजनेस करते रहने पर उसके संबंध की बात आती है। जाहिर से इतना होते-होते लड़के की उम्र तकरीबन 30 के इर्द -गिर्द हो जाती है। इतने तक रिश्ता हो गया तो ठीक, नहीं तो लोगों की नजर तक बदल जाती है। यानि 50 सवाल खड़े हो जाते है।

चिंता देता है उम्र का यह पड़ाव

प्रकृति के हिसाब से 30 प्लस का पड़ाव चिंता देने वाला है। न केवल लड़के-लड़की को बल्कि उसके माता-पिता, भाई-बहन, घर-परिवार और सगे संबंधियों को भी। सभी तरफ से प्रयास भी किए, बात भी जंच गई लेकिन हर संभव कोशिश के बाद भी रिश्ता न बैठने पर उनकी चिंता और बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, शंका-समाधान के लिए मंदिरों तक गए, पूजा-पाठ भी कराए, नामी विशेषज्ञों ने जो बताए वे तमाम उपाय भी कर लिए पर बात नहीं बनी। मेट्रीमोनी वेबसाइट्स व वाट्सअप पर चलते बायोडेटा की गणित इसमें कारगार होते नहीं दिखाई देते। बिना किसी मीडिएटर के संबंध होना मुश्किल ही होता है। मगर कोई मीडिएटर बनना चाहता ही नहीं है। मगर इन्हें कौन समझाए की जब हम किसी के मीडिएटर नहीं बनेंगे तो हमारा भी कोई नहीं बनेगा। एक समस्या ये भी हम पैदा करते जा रहे है कि हम सामाजिक न होकर एकांतवादी बनते जा रहे है।

आखिर कहां जाए युवा मन

अपने मन को समझाते-बुझाते युवा आखिर कब तक भाग्य भरोसे रहेगा। अपनों से तिरस्कृत और मन से परेशान युवा सब कुछ होते हुए भी अपने को ठगा सा महसूस करता है। हद तो तब हो जाती है जब किसी समारोह में सब मिलते हैं और एक दूसरे से घुल मिलकर बात करते हैं लेकिन उस वक्त उस युवा पर क्या बीतती है, यह वही जानता है। ऐसे में कई बार नहीं चाहते हुए भी वह उधर कदम बढ़ाने को मजबूर हो जाता है जहां शायद कोई सभ्य पुरूष जाने की भी नहीं सोचता या फिर ऐसी संगत में बैठता है जो बदनाम ही करती हो।  

ख्वाहिशें अपार, अरमान हजार

हर लड़की और उसके पिता की ख्वाहिश से आप और हम अच्छी तरह परिचित हैं। पुत्री के बनने वाले जीवनसाथी का खुद का घर हो, कार हो, परिवार की जिम्मेदारी न हो, घूमने-फिरने और आज से युग के हिसाब से शौक रखता हो और कमाई इतनी तगड़ी हो कि सारे सपने पूरे हो जाएं, तो ही बात बन सकती है। हालांकि सभी की अरमान ऐसे नहीं होते लेकिन चाहत सबकी यही है। शायद हर लड़की वाला यह नहीं सोचता कि उसका भी लड़का है तो क्या मेरा पुत्र किसी ओर के लिए यह सब पूरा करने में सक्षम है। यानि एक गरीब बाप भी अपनी बेटी की शादी एक अमीर लड़के से करना चाहता है और अमीर लड़की का बाप तो अमीर से करेगा ही। ऐसे में सामान्य परिवार के लड़के का क्या होगा? यह एक चिंतनीय विषय सभी के सामने आ खड़ा हुआ है। संबंध करते वक्त एक दूसरे का व्यक्तिव व परिवार देखना चाहिए ना कि पैसा। कई ऐसे रिश्ते भी हमारे सामने है कि जब शादी की तो लड़का आर्थिक रूप से सामान्य ही था मगर शादी बाद वह आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो गया। ऐसे भी मामले सामने आते है कि शादी के वक्त लड़का बहुत अमीर था और अब स्थिति सामान्य रह गई। इसलिए लक्ष्मी तो आती जाती है ये तो नसीबों का खेल मात्र है।

क्यों नहीं सोचता समाज

समाजसेवा करने वाले लोग आज अपना नाम कमाने के लिए लाखों रुपए खर्च करने से नहीं चूकते लेकिन बिडम्बना है कि हर समाज में बढ़ रही युवाओं की विवाह की उम्र पर कोई चर्चा करने की व इस पर कार्य योजना बनाने की फुर्सत किसी को नहीं है। कहने को हर समाज की अनेक संस्थाएं हैं वे भी इस गहन बिन्दु पर चिंतित नजर नहीं आती।

पहल तो करें

हो सकता है इस मुद्दे पर समाज में पहले कभी चर्चा हुई हो लेकिन उसका ठोस समाधान अभी नजर नहीं आता। तो क्यों नहीं बीड़ा उठाएं कि एक मंच पर आकर ऐसे लड़कों व लड़कियों को लाएं जो बढ़ती उम्र में हैं और समझाइश से उनका रिश्ता कहीं करवाने की पहल करें। यह प्रयास छोटे स्तर से ही शुरू हो। 

 समाज के नेतृत्वकर्ताओं से अनुरोध है कि वे इस गंभीर समस्या पर चर्चा करें और एक ऐसा रास्ता तैयार करें जो युवाओं को एवम उनके माता पिता को भी भटकाव के रास्ते से रोककर विकास के मार्ग पर ले जाए।

19 दिसम्बर 2022, सोमवार का पंचांग


 आप का दिन मंगलमय हो 

  • सूर्योदय :- 07:00 बजे  सूर्यास्त :- 17:28 बजे
  • चंद्रोदय :- 27:25 बजे
  •  चंद्रास्त :- 14:06बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- दक्षिणायन
  • ऋतु हेमन्त ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि
  • एकादशी तिथि आज  26:32 बजे रात तक पश्चात द्वादशी तिथि  है।
  • ✨नक्षत्र :- चित्रा नक्षत्र आज प्रातः 10:30 बजे तक पश्चात स्वाति नक्षत्र 
  •     योग आज प्रातः अतिगंड  तथा करण आज प्रातः बव  हैं
  •  💫 पंचक:- पंचक, भद्रा गंडमूल नहीं है।
  • 🔥अग्निवास: - आकाश मैं 
  • ☄️दिशाशूल: :- पूर्व दिशा 
  • राहूकाल  08:19 बजे से  09:38 बजे  तक अशुभ समय।
  •   🌷 अभिजीत मुहूर्त:-    11:53 बजे से 12:35  बजे तक शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- सफला एकादशी,जैन भगवान चंद्रप्रभु जन्म/तप,भगवान पार्श्वनाथ जन्म/तप 
  • मुहूर्त :- वाहन, नामकरण,  कर्णभेदन है अन्य कोई नहीं है।
  • 🪐  सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-तुला,मंगल-
  • वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

चोघडिया,दिन

  • अमृत 07:01 - 08:19 शुभ
  • काल 08:19 - 09:38 अशुभ
  • शुभ 09:38 - 10:56 शुभ
  • रोग 10:56 - 12:14 अशुभ
  • उद्वेग 12:14 - 13:33 अशुभ
  • चर 13:33 - 14:51 शुभ
  • लाभ 14:51 - 16:10 शुभ
  • अमृत 16:10 - 17:28 शुभ

चोघडिया, रात

  • चर 17:28 - 19:10 शुभ
  • रोग 19:10 - 20:51 अशुभ
  • काल 20:51 - 22:33 अशुभ
  • लाभ 22:33 - 24:15 शुभ
  • उद्वेग 24:15 - 25:56 अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:-
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

पावन सम्मेद शिखर, जो जैन धर्म की गाथा

 प्रसिद्ध पावन जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखर को 
पर्यटन क्षेत्र बनाये जाने की घोषणा का विरोध करती कविता

कैसी नीति,दृष्टि है कैसी,कैसा कुटिल इरादा है,

क्यो शासन सम्मेद शिखर के शोषण पर आमादा है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो मोक्ष ज्ञान की थाती है,

जो हर जैनी के जीवन की चिर आलोकित बाती है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो,जैन धर्म की गाथा है,

जिसका शिखर,तत्व दर्शन का तेज प्रतापी माथा है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो आभा से निष्कामी है,

त्याग साधना तप की चोटी,आत्मज्ञान सदनामी है,

वह पावन सम्मेद शिखर जो पार्श्वनाथ की छाया है,

बीस तीर्थंकर का जिसमे महा निर्वाण समाया है,

उसी शिखर की मर्यादा का मान घटाने निकले हो,

तीर्थ भूमि को पिकनिक का स्थान बनाने निकले हो,

सन्यासी परिवेश तुम्हे क्या भोग विलासी करना है?

तीरथ को टूरिज़्म बनाकर सत्यानाशी करना है?

तुलसी के गमले में तुमको मनी प्लांट लगवाने है?

मन को शांति जहां मिलती हों, वहां शोर करवाने हैं?

तीरथ को पर्यटन बनाकर कैसे गुल खिलवाने है?

जहां मोक्ष का तत्व वहां पर हनीमून करवाने है?

लेकर आड़ पर्यटन की क्या भोगी तुम्हे बुलाने हैं,

मुनियों के चिन्हों के ऊपर डिस्को बार खुलाने है,

ये कुत्सित उन्नति के प्याले औऱ कहीं तुम भर लेते,

ऐसा करने से पहले शर्म ज़रा सी कर लेते,

जो समाज भारत को ऊंची अर्थवयवस्था देता हो,

जो भारत का सबसे बढ़कर इनकम टैक्स प्रणेता हो,

वो समाज ही मिला तुम्हे अंदर तक ज़ख्मी करने को,

पुण्य कमंडल छीन रहे हो,कीचड़ का जल भरने को,

ओ दिल्ली के तानाशाहों,नही कुठाराघात करो,

जिसने तुमको ताकत दी,उस पर ही मत आघात करो,

शासन को यूं मनमानी में मस्त नही होने देंगे,

हम सम्मेद शिखर का सूरज अस्त नही होने देंगे,

कवि गौरव चौहान कहे,यह नीति सरासर काली है,

इसीलिए हमने शब्दो की ये तलवार उठा ली है,

चेतावनी हमारी सुन लो,इस निर्णय को शुद्ध करो,

निर्मल और अहिंसक मन को साज़िश से मत क्रुद्ध करो,

अय्याशी के दौर न होंगे,पार्श्वनाथ की कक्षा में,

हर हिन्दू है खड़ा यहां सम्मेद शिखर की रक्षा में

--कवि गौरव चौहान | 9557062060

18 दिसम्बर 2022, रविवार का पंचांग


 आप का दिन मंगलमय हो 

  • सूर्योदय :- 07:00 बजे  सूर्यास्त :- 17:27 बजे
  • चंद्रोदय :- 26:24 बजे
  •  चंद्रास्त :- 13:32बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- दक्षिणायन
  • ऋतु हेमन्त ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि
  • दशमी तिथि आज  27:32 बजे रात तक पश्चात एकादशी तिथि  है।
  • नक्षत्र :- हस्त नक्षत्र आज प्रातः 10:17 बजे तक पश्चात चित्रा नक्षत्र 
  •  योग आज प्रातः शोभन  तथा करण आज प्रातः वणिज  हैं
  •  पंचक:- पंचक, गंडमूल नहीं है भद्रा 15:43 से 17:32 बजे तक।
  • अग्निवास: - पृथ्वी पर 
  • दिशाशूल: :- पश्चिम दिशा 
  • राहूकाल  16:09 बजे से  17:28 बजे  तक अशुभ समय।
  •  अभिजीत मुहूर्त:-    11:50 बजे से 12:32  बजे तक शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- आज नहीं 
  • मुहूर्त :-  कर्ण भेदन अन्य कोई नहीं है।
  • सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-कन्या,मंगल- वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

 चोघडिया, दिन

  • उद्वेग 07:00 - 08:19 अशुभ
  • चर 08:19 - 09:37 शुभ
  • लाभ 09:37 - 10:55 शुभ
  • अमृत 10:55 - 12:14 शुभ
  • काल 12:14 - 13:32 अशुभ
  • शुभ 13:32 - 14:51 शुभ
  • रोग 14:51 - 16:09 अशुभ
  • उद्वेग 16:09 - 17:28 अशुभ

चोघडिया, रात

  • शुभ 17:28 - 19:09 शुभ
  • अमृत 19:09 - 20:51 शुभ
  • चर 20:51 - 22:33 शुभ
  • रोग 22:33 - 24:14 अशुभ

अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:-
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

17 दिसम्बर 2022, शनिवार का पंचांग

आप का दिन मंगलमय हो 

  • सूर्योदय :- 06:59 बजे  सूर्यास्त :- 17:27 बजे
  • चंद्रोदय :- 25:27 बजे
  •  चंद्रास्त :- 13: 01बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- दक्षिणायन
  • ऋतु हेमन्त ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि - नवमी तिथि आज  27:41 बजे रात तक पश्चात दशमी तिथि  है।
  • नक्षत्र :- उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र आज प्रातः 09:17 बजे तक पश्चात हस्त नक्षत्र 
  • योग आज प्रातः आयुष्मान  तथा करण आज प्रातः तैतिल  हैं
  • पंचक:- पंचक,भद्रा गंडमूल नहीं है।
  • अग्निवास: - पृथ्वी पर 
  • दिशाशूल: :- पूर्व दिशा 
  • राहूकाल  09:36 बजे से  10:55 बजे  तक अशुभ समय।
  • अभिजीत मुहूर्त:-    11:50 बजे से 12:32  बजे तक शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- आज नहीं 
  • मुहूर्त :- वाहन, कर्ण भेदन अन्य कोई नहीं है।
  • सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-कन्या,मंगल- वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

  चोघडिया, दिन

  • काल 06:59 - 08:18 अशुभ
  • शुभ 08:18 - 09:36 शुभ
  • रोग 09:36 - 10:55 अशुभ
  • उद्वेग 10:55 - 12:13 अशुभ
  • चर 12:13 - 13:32 शुभ
  • लाभ 13:32 - 14:50 शुभ
  • अमृत 14:50 - 16:09 शुभ
  • काल 16:09 - 17:27 अशुभ

चोघडिया, रात

  • लाभ 17:27 - 19:09 शुभ
  • उद्वेग 19:09 - 20:50 अशुभ
  • शुभ 20:50 - 22:32 शुभ
  • अमृत 22:32 - 24:14 शुभ

 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:-
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

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