कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती


लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
-हरिवंश राय बच्चन

आज की नारी कहा गई साड़ी

आज की नारी कहा गई साड़ी
छोर शर्म और पी रही पानी
कहते थे अबला जिसको हम
आज जाने कहा से आगया हें इसमे दम
आज की नारी ........................
पहनती हें मर्दों जेसे कपड़े
रोड पर करती हे झगडे
करती हे मन मानी
कहलाती हे कलयुग की रानी
आज की नारी ..............................
केसा आजकल का पहनावा हे
लड़को को ख़ुद देती बढावा हे
लड़के देखकर मरते हे सेटी
आखो मैं अ़ब नही शर्म का पानी
आज की नारी ...........

भारत प्यारा देश हमारा

भारत प्यारा देश हमारा
सब देशों में सबसे न्यारा
हम सबका बस एक ही नारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
भारत प्यारा... ..........

रहे सलामत गणतंत्र हमारा
बजे हमेशा लोकतंत्र का नगारा
कितना सुंदर कितना प्यारा
इससे से तो हर दुश्मन हारा
भारत प्यारा... ..........

ये बेचारा देश हमारा
नेताऒ के बोझ का मारा
इसे चाहिए युवाओं का सहारा
नेता मिले भगत, सुभाष सा प्यारा
भारत प्यारा... ..........

मिलजुलकर सब एक हो यारा
बस यही हो संकल्प हमारा
भारत माँ का बनो दुलारा
सबने
मिलकर यही पुकारा
भारत प्यारा... ..........

अब तो फांसी देदो जनाब

हां मैंने ही बरसाई मौत चुप्पी तोड़ बोला कसाब क़बूल कर लिया अपना गुनाह अब तो फांसी देदो जनाब बहुत खेल लिया मौत का खेल अब नहीं रहना मुझको जेल ऊपर जाकर देना है खुदा को अपने कर्मो का हिसाब अब तो फांसी देदो जनाब अब मुझसे सहन नहीं होती ये रोज रोज की रिमांड बार बार इस पूछताछ से हो गया है दिमाग ख़राब अब तो फांसी देदो जनाब जो कुछ था सब बता दिया है अब क्या है मेरे पास बहुत हो गई मुकदमा बाजी बंद करो ये मेरी किताब अब तो फांसी देदो जनाब क़बूल कर लिया अपना गुनाह अब तो फांसी देदो जनाब

ऐ जिंदगी

तुम बिन
जी रहे हैं जिंदगी
कि साँसों में तुम हो ......
जब आँखें बंद करते हैं
तो ख़्वाबों में तुम हो ..........
जब बोलते हैं
तो बातों में तुम हो ......
लिखते हैं कुछ तो
हर लफ्ज़ में तुम हो .......
धड़कता हैं दिल
तो हर धड़कन में तुम हो ........
जी रहे हैं अभी तक
क्यों कि जान तुम हो.....
( शशि ,जयपुर )

हिन्दी में लिखिए

विजेट आपके ब्लॉग पर

बॉलीवुड की पुकार "मैं झुकेगा नहीं साला"

बाहुबली से धीरे धीरे, आई साउथ की रेल रे..... केजीएफ- सुशांत से बिगडा, बॉलीवुड का खेल रे..... ऊपर से कोरोना आया, उसने सबका काम लगाया फिर आया ...

लोकप्रिय पोस्ट