जैन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए सम्मानित


  जैन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए सम्मानित

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा उज्जैन में आयोजित दो दिवसीय 17,18 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष महाधिवेशन में ग्वालियर निवासी ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन को अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया। ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन ने बताया कि 'विक्रम संवत के अनुसार सभी पंचांगों में    'एकरुपता' हो नामक शोध पत्र पर उन्हें यह सम्मान दिया गया। डॉ जैन ने कहा कि पंचांग अनुसार समस्त पर्व, त्यौहार एक ही दिन समान रुप से हो उन में अभी भिन्नता से जन मानस में भ्रम बना रहता है जिससे जन मानस में भ्रम नहीं रहे और ज्योतिष की मानव जीवन में उपयोगिता सार्थकता सिद्ध हो क्योंकि भारतीय ज्योतिष भारत की धर्म संस्कृति से जुड़ा हुआ जन मानस और समाज को प्रभावित करता है। विक्रम संवत अनुसार समस्त पंचांगों में पर्व, त्यौहार एक समान बनाए जाए।

    डॉ जैन को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होने पर इष्ट मित्रों ने बधाईयां दी।

21 दिसम्बर 2022, बुधवार का पंचांग


आप का दिन बुधवार हो 

  • सूर्योदय :- 07:01 बजे  सूर्यास्त :- 17:28 बजे
  • चंद्रोदय :- 29:39 बजे
  •  चंद्रास्त :- 15:27 बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- दक्षिणायन
  • ऋतु हेमन्त ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि
  • त्रयोदशी तिथि आज  22:16 बजे रात तक पश्चात चतुर्दशी तिथि  है।
  • ✨नक्षत्र :- आज विशाखा नक्षत्र प्रातः 08:32 बजे तक पश्चात अनुराधा नक्षत्र 
  •     योग :- आज प्रातः धृति तथा करण आज प्रातः  गर  हैं
  •  💫 पंचक:- पंचक,  गंडमूल नहीं है भद्रा 22:16 बजे से है।
  • 🔥अग्निवास: - आकाश में 
  • ☄️दिशाशूल: :- उत्तर दिशा 
  • राहूकाल  12:15 बजे से  13:34 बजे  तक अशुभ समय।
  •   🌷 अभिजीत मुहूर्त:-    11:53 बजे से 12:35  बजे अ शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- प्रदोष व्रत 
  • मुहूर्त :- वाहन, नामकरण, कर्ण भेदन है अन्य  कोई नहीं है।
  • सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-वृश्चिक,मंगल- वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

चोघडिया, दिन

  • लाभ 07:02 - 08:20 शुभ
  • अमृत 08:20 - 09:39 शुभ
  • काल 09:39 - 10:57 अशुभ
  • शुभ 10:57 - 12:15 शुभ
  • रोग 12:15 - 13:34 अशुभ
  • उद्वेग 13:34 - 14:52 अशुभ
  • चर 14:52 - 16:11 शुभ
  • लाभ 16:11 - 17:29 शुभ

चोघडिया, रात

  • उद्वेग 17:29 - 19:11 अशुभ
  • शुभ 19:11 - 20:52 शुभ
  • अमृत 20:52 - 22:34 शुभ
  • चर 22:34 - 24:16* शुभ

 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:- 
ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

22 दिसम्बर 2022, गुरुवार का पंचांग


आप का दिन मंगलमय हो

  • सूर्योदय :- 07:02 बजे  सूर्यास्त :- 17:29 बजे
  • चंद्रोदय :- 30:50 बजे
  •  चंद्रास्त :- 16:20 बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- उत्तरायण 
  • ऋतु शिशिर ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि
  • चतुर्दशी तिथि आज  19:13 बजे रात तक पश्चात अमावश्या तिथि  है।
  • नक्षत्र :- आज अनुराधा नक्षत्र प्रातः 06:32 बजे तक पश्चात ज्येष्ठा नक्षत्र 
  • योग :- आज प्रातः शूल तथा करण आज प्रातः  विष्टि  हैं
  •  पंचक:- पंचक,  गंडमूल नहीं है भद्रा प्रातः 08:49 बजे तक  है।
  • अग्निवास: - पृथ्वी पर
  • ☄️दिशाशूल: :- दक्षिण दिशा 
  • राहूकाल  13:34 बजे से  14:53 बजे  तक अशुभ समय।
  •  अभिजीत मुहूर्त:-    11:53 बजे से 12:35  बजे  शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- कोई नहीं 
  • मुहूर्त :-  कोई नहीं है।
  • सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-वृश्चिक,मंगल- वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

  चोघडिया, दिन

  • शुभ 07:02 - 08:21 शुभ
  • रोग 08:21 - 09:39 अशुभ
  • उद्वेग 09:39 - 10:57 अशुभ
  • चर 10:57 - 12:16 शुभ
  • लाभ 12:16 - 13:34 शुभ
  • अमृत 13:34 - 14:53 शुभ
  • काल 14:53 - 16:11 अशुभ
  • शुभ 16:11 - 17:29 शुभ

चोघडिया, रात

  • अमृत 17:29 - 19:11 शुभ
  • चर 19:11 - 20:53 शुभ
  • रोग 20:53 - 22:34 अशुभ
  • काल 22:34 - 24:16 अशुभ

 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:- 

ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

20 दिसम्बर 2022, मंगलवार का पंचांग

 आप का दिन मंगलमय हो 

  • सूर्योदय :- 07:01 बजे  सूर्यास्त :- 17:28 बजे
  • चंद्रोदय :- 28:30 बजे
  •  चंद्रास्त :- 14:43 बजे (ग्वालियर शहर )
  • विक्रम संवत 2079, शाके 1944 ,वीरनिर्वाण संवत 2549 
  • सूर्य- दक्षिणायन
  • ऋतु हेमन्त ऋतु

सूर्योदयकालीन तिथि,नक्षत्र,योग आदि :- 

  •  पौष मास कृष्ण पक्ष तिथि - 
  • द्वादशी तिथि आज  24:45 बजे रात तक पश्चात त्रयोदशी तिथि  है।
  • ✨नक्षत्र :- आज स्वाति नक्षत्र प्रातः 09:54 बजे तक पश्चात विशाखा नक्षत्र 
  •     योग :- आज प्रातः सुकर्मा तथा करण आज प्रातः  कौलब  हैं
  •  💫 पंचक:- पंचक, भद्रा गंडमूल नहीं है।
  • 🔥अग्निवास: - पृथ्वी पर
  • ☄️दिशाशूल: :- उत्तर दिशा 
  • राहूकाल  14:52 बजे से  16:10 बजे  तक अशुभ समय।
  •   🌷 अभिजीत मुहूर्त:-    11:53 बजे से 12:35  बजे तक शुभ समय ।
  • पर्व-त्योहार :- कोई नहीं 
  • मुहूर्त :-  कोई नहीं है।
  • सूर्योदय समय ग्रह राशि गत विचार :- सूर्य-धनु, चन्द्र-तुला,मंगल- वृषभ, बुध-धनु, गुरु-मीन, शुक्र-धनु,शनि-मकर,राहू-मेष,केतु-तुला,प्लूटो-मकर, नेप्च्यून-कुंभ,यूरेनस-मेष में है।

चोघडिया, दिन

  • रोग 07:01 - 08:20 अशुभ
  • उद्वेग 08:20 - 09:38 अशुभ
  • चर 09:38 - 10:56 शुभ
  • लाभ 10:56 - 12:15 शुभ
  • अमृत 12:15 - 13:33 शुभ
  • काल 13:33 - 14:52 अशुभ
  • शुभ 14:52 - 16:10 शुभ
  • रोग 16:10 - 17:28 अशुभ

चोघडिया, रात

  • काल 17:28 - 19:10 अशुभ
  • लाभ 19:10 - 20:52 शुभ
  • उद्वेग 20:52 - 22:33 अशुभ
  • शुभ 22:33 - 24:15 शुभ


 अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करें:-  ज्योतिषाचार्य डॉ हुकुमचंद जैन
राष्ट्रीय गौरव अवॉर्ड प्राप्त मो.9425187186 

विवाह की बढ़ती उम्र पर खामोशी क्यों...?

 आज समाजिक जागृति चाहिए

30-35 साल की युवक युवतियां बैठे है कुंवारे,
फिर मौन क्यों हैं समाज के कर्ता-धर्ता 

कुंवारे बैठे लड़के लड़कियों की एक गंभीर समस्या - आज कमोबेश सभी समाजों में उभर के सामने आ रही है। इसमें लिंगानुपात तो एक कारण है ही मगर समस्या अब इससे भी कहीं आगे बढ़ गई है। क्योंकि 30 से 35 साल तक की लड़कियां भी कुंवारी बैठी हुई है। इससे स्पष्ट है कि इस समस्या का लिंगानुपात ही एकमात्र कारण नहीं बचा है। ऐसे में लड़के लड़कियों के जवां होते सपनों पर न तो किसी समाज के कर्ता-धर्ताओं की नजर है और न ही किसी रिश्तेदार और सगे संबंधियों की। हमारी सोच कि हमें क्या मतलब है में उलझ कर रह गई है। बेशक यह सच किसी को कड़वा लग सकता है लेकिन हर समाज की हकीकत यही है।

शादी के लिए लड़की की उम्र 18 साल व लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए ये तो अब बस आंकड़ों में ही रह गया है। एक समय था जब संयुक्त परिवार के चलते सभी परिजन अपने ही किसी रिश्तेदार व परिचितों से शादी संबंध बालिग होते ही करा देते थे। मगर बढ़ते एकल परिवारों ने इस परेशानी को और गंभीर बना दिया है। अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि एकल परिवार प्रथा ने आपसी प्रेम व्यवहार ही खत्म सा कर दिया है। अब तो शादी के लिए जांच पड़ताल में और कोई तो नेगेटिव करें या न करें अपनी ही खास सगे संबंधी नेगेटिव कर बनते संबंध खराब कर देते है।

उच्च शिक्षा और हाई जॉब बढ़ा रही उम्र

यूं तो शिक्षा शुरू से ही मूल आवश्यकता रही है लेकिन पिछले डेढ़ दो दशक से इसका स्थान उच्च शिक्षा या कहे कि खाने कमाने वाली डिग्री ने ले लिया है। इसकी पूर्ति के लिए अमूमन लड़के की उम्र 23-24 या अधिक हो जाती है। इसके दो-तीन साल तक जॉब करते रहने या बिजनेस करते रहने पर उसके संबंध की बात आती है। जाहिर से इतना होते-होते लड़के की उम्र तकरीबन 30 के इर्द -गिर्द हो जाती है। इतने तक रिश्ता हो गया तो ठीक, नहीं तो लोगों की नजर तक बदल जाती है। यानि 50 सवाल खड़े हो जाते है।

चिंता देता है उम्र का यह पड़ाव

प्रकृति के हिसाब से 30 प्लस का पड़ाव चिंता देने वाला है। न केवल लड़के-लड़की को बल्कि उसके माता-पिता, भाई-बहन, घर-परिवार और सगे संबंधियों को भी। सभी तरफ से प्रयास भी किए, बात भी जंच गई लेकिन हर संभव कोशिश के बाद भी रिश्ता न बैठने पर उनकी चिंता और बढ़ जाती है। इतना ही नहीं, शंका-समाधान के लिए मंदिरों तक गए, पूजा-पाठ भी कराए, नामी विशेषज्ञों ने जो बताए वे तमाम उपाय भी कर लिए पर बात नहीं बनी। मेट्रीमोनी वेबसाइट्स व वाट्सअप पर चलते बायोडेटा की गणित इसमें कारगार होते नहीं दिखाई देते। बिना किसी मीडिएटर के संबंध होना मुश्किल ही होता है। मगर कोई मीडिएटर बनना चाहता ही नहीं है। मगर इन्हें कौन समझाए की जब हम किसी के मीडिएटर नहीं बनेंगे तो हमारा भी कोई नहीं बनेगा। एक समस्या ये भी हम पैदा करते जा रहे है कि हम सामाजिक न होकर एकांतवादी बनते जा रहे है।

आखिर कहां जाए युवा मन

अपने मन को समझाते-बुझाते युवा आखिर कब तक भाग्य भरोसे रहेगा। अपनों से तिरस्कृत और मन से परेशान युवा सब कुछ होते हुए भी अपने को ठगा सा महसूस करता है। हद तो तब हो जाती है जब किसी समारोह में सब मिलते हैं और एक दूसरे से घुल मिलकर बात करते हैं लेकिन उस वक्त उस युवा पर क्या बीतती है, यह वही जानता है। ऐसे में कई बार नहीं चाहते हुए भी वह उधर कदम बढ़ाने को मजबूर हो जाता है जहां शायद कोई सभ्य पुरूष जाने की भी नहीं सोचता या फिर ऐसी संगत में बैठता है जो बदनाम ही करती हो।  

ख्वाहिशें अपार, अरमान हजार

हर लड़की और उसके पिता की ख्वाहिश से आप और हम अच्छी तरह परिचित हैं। पुत्री के बनने वाले जीवनसाथी का खुद का घर हो, कार हो, परिवार की जिम्मेदारी न हो, घूमने-फिरने और आज से युग के हिसाब से शौक रखता हो और कमाई इतनी तगड़ी हो कि सारे सपने पूरे हो जाएं, तो ही बात बन सकती है। हालांकि सभी की अरमान ऐसे नहीं होते लेकिन चाहत सबकी यही है। शायद हर लड़की वाला यह नहीं सोचता कि उसका भी लड़का है तो क्या मेरा पुत्र किसी ओर के लिए यह सब पूरा करने में सक्षम है। यानि एक गरीब बाप भी अपनी बेटी की शादी एक अमीर लड़के से करना चाहता है और अमीर लड़की का बाप तो अमीर से करेगा ही। ऐसे में सामान्य परिवार के लड़के का क्या होगा? यह एक चिंतनीय विषय सभी के सामने आ खड़ा हुआ है। संबंध करते वक्त एक दूसरे का व्यक्तिव व परिवार देखना चाहिए ना कि पैसा। कई ऐसे रिश्ते भी हमारे सामने है कि जब शादी की तो लड़का आर्थिक रूप से सामान्य ही था मगर शादी बाद वह आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो गया। ऐसे भी मामले सामने आते है कि शादी के वक्त लड़का बहुत अमीर था और अब स्थिति सामान्य रह गई। इसलिए लक्ष्मी तो आती जाती है ये तो नसीबों का खेल मात्र है।

क्यों नहीं सोचता समाज

समाजसेवा करने वाले लोग आज अपना नाम कमाने के लिए लाखों रुपए खर्च करने से नहीं चूकते लेकिन बिडम्बना है कि हर समाज में बढ़ रही युवाओं की विवाह की उम्र पर कोई चर्चा करने की व इस पर कार्य योजना बनाने की फुर्सत किसी को नहीं है। कहने को हर समाज की अनेक संस्थाएं हैं वे भी इस गहन बिन्दु पर चिंतित नजर नहीं आती।

पहल तो करें

हो सकता है इस मुद्दे पर समाज में पहले कभी चर्चा हुई हो लेकिन उसका ठोस समाधान अभी नजर नहीं आता। तो क्यों नहीं बीड़ा उठाएं कि एक मंच पर आकर ऐसे लड़कों व लड़कियों को लाएं जो बढ़ती उम्र में हैं और समझाइश से उनका रिश्ता कहीं करवाने की पहल करें। यह प्रयास छोटे स्तर से ही शुरू हो। 

 समाज के नेतृत्वकर्ताओं से अनुरोध है कि वे इस गंभीर समस्या पर चर्चा करें और एक ऐसा रास्ता तैयार करें जो युवाओं को एवम उनके माता पिता को भी भटकाव के रास्ते से रोककर विकास के मार्ग पर ले जाए।

हिन्दी में लिखिए

विजेट आपके ब्लॉग पर

बॉलीवुड की पुकार "मैं झुकेगा नहीं साला"

बाहुबली से धीरे धीरे, आई साउथ की रेल रे..... केजीएफ- सुशांत से बिगडा, बॉलीवुड का खेल रे..... ऊपर से कोरोना आया, उसने सबका काम लगाया फिर आया ...

लोकप्रिय पोस्ट