गज़ब हो गया


चाँदनी रात मे चाँद के सामने ,
चेहरे से पर्दा हटाना गज़ब हो गया.

चाँदनी छुप गयी चाँद शर्मा गया ,
आप का मुस्कुराना गज़ब हो गया .

दिल की धडकने अब तेज़ होने लगी,
रात आंखो मे कांटे चुभोने लगी .

इस पुरी रात मे बातोंही बातों मे,
रूठ जाना आप का गज़ब हो गया.

अपने तो हिस्से मे तुफानो से जंग़ है,
मौजे का भी अब ना हमे सहारा है

डुब जाने का हमे गम नही ,
पर उस का साहिल पे आ जाना गज़ब हो गया.

चहरे से पर्दा हटाना गज़ब हो गया,
धीरे से मुस्कुराना गज़ब हो गया .

3 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

पर उसका साहिल पे आ जाना गज़ब हो गया । लाजवाब सुन्दर रचना के लिये बधाई

दिगम्बर नासवा ने कहा…

bahut pahle ik kavaali sunu thee .. shayad film Putlibaai mein thee ....

dheere dheere kalaai lage thaamne ...
unko ungli thamaana gazab ho gaya ...

lajawaab likha hai aapne .....

alka mishra ने कहा…

aapki rachnaa par to mujhe kuchh kahna hi nahin hai

par ye jarur jaananaa chaahti huun ki itne sare blog mentain kaise karte hain?

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