इक लड़की को हो गया है प्यार !


पहले
देख कर छुपाती थी वो 
अबके छुप - छुप कर देखती है 
वोह दौर था बचपन का 
  यह दौर है जवानी का 

मन उसका सुमन तन सुकोमल चहेरा माहताब 
कभी अपने हाथ से अपनी ऊंगलियों को छूती है 
तो कभी आईने में देख खुद को
खुद से ही शर्माती है 
अब तो शाम का रंग बिरंगी आसमान भी 
उसे लुभाने लगा है 

रात को आसमान के तारे गिनती है वो 
जिसे तोड़ लाने की बात कही है 
किसी ने देख चाँद को
चौकती है वोह मुस्कराती है और छुपा लेती है 
अपने आपको रात के आगोश में वो
रात को नींद में तकिये को आगोश में ले लेती है
और फिर अचानक आधी रात को 
नींद खुलते ही देख तकिए को मूस्कुराती है 
फिर इक सुखद नींद में सो जाती है 
इक लड़की को हो गया है प्यार !!!!

6 टिप्‍पणियां:

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

Very Good...

sonal ने कहा…

nice poem ..like it

पंकज मिश्रा ने कहा…

kya kahne. ladki se pyar ho gaya.

Rahul Singh ने कहा…

लगा कि यश चोपड़ा के फिल्‍म दृश्‍य में पृष्‍ठभूमि से आवाज आ रही हो.

Parul kanani ने कहा…

ohho..kya baat hai1

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

क्या बात है ......!!

बेहद खूबसूरत .....!!

@ जिसे तोड़ लाने की बात कही है किसी ने .....

@ देख तकिये को मुस्कुराती है वो ......

अद्भुत .....!!

हिन्दी में लिखिए

विजेट आपके ब्लॉग पर

बॉलीवुड की पुकार "मैं झुकेगा नहीं साला"

बाहुबली से धीरे धीरे, आई साउथ की रेल रे..... केजीएफ- सुशांत से बिगडा, बॉलीवुड का खेल रे..... ऊपर से कोरोना आया, उसने सबका काम लगाया फिर आया ...

लोकप्रिय पोस्ट