जीवन अधुरा सा लगता



आप अगर न आते मेरे जीवन मैं 
ये जीवन अधूरा नजर आता हमें 
कल तक जो अजनबी था मेरे लिए 
आज उसी को दिल चाहता हे 
हर खुशी के लिए कोई हे 
जो दुआ करता हे अपनों मैं 
कुछ मीठे पल याद आते हे सपनो मैं 
मन का पुलकित दीप समर्पित किया तुम्हें 
 आप हमेशा खुश रहो यही दुआ देते हे तुम्हें 
आओ हम आपको आखो मैं छुपा ले 
बेकरार दिल की धड़कन बना ले 
तेरी हर अदा मोह्ह्बत सी लगती हे जिन्दगी 
के हर लम्हे में आपकी जरुरत सी लगती हे 
आपके जीवन में हमेशा खुशिया रहे 
जीवन भर एक दुसरे का साथ रहे 
एक पल भी तेरी जुदाई नहीं सहेंगे 
हम आपसे बिछुड़कर एक पल जी न सकेंगे 
हम आप अगर ............

एक लड़की थी दीवानी सी

एक लड़की थी दीवानी सी

मोबाइल लेकर चलती थी

नजरें झुका के

कुछ शरमा के



मोबाइल में जाने क्या देखा करती थी

कुछ करना था शायद उसको

पर जाने किस से डरती थी

जब भी मिलती थी मुझसे

येही पूछा करती थी




यह चालू कैसे होता है,
यह चालू कैसे होता है


और मैं सिर्फ़ येही कहता था
ये मोबाइल नही टीवी का रिमोट है

" तेरी मुस्कान ....! "

" तेरी मुस्कान .....,
छीन ली नींद मेरी, तेरी इस मुस्कान ने ,
इरादों को तेरे, मै समज न सका ,

तुझको पाकर भी, पा न सका ,

आज भी मै ,तुझको भुल न सका ,

तेरी मुस्कान ने ...........

दिल मेरा जलाकर ,किसी की डोली में बैठ गई ,

दफ़न करके मेरे प्यार को ,

मुस्कान का तेरी ,कफ़न पहेनाया .........,

तेरी मुस्कान ने ......

जहाँ दफ़न किया प्यार को तुने ,

उस मजार पर आज भी ढूंढ़ता हु ,

तेरी प्यार भरी मुस्कान को ,
तु बेवफा थी , तेरी मुस्कान तो नही ,

तेरी मुस्कान ने .......,

शादी का जोड़ा किसी के नाम पहेनकर,

हमारे प्यार को क्यों "कफ़न" पहेना दिया,

तेरी मुस्कान को पाने हम आज भी ,

हमारे प्यार की मजार पर , सर अपना पटक रहे है "

---- eksacchai " टूटा ताजमहेल "


मैं आंसुओं में हे ठीक हूँ


न मिला करो सर-ऐ-आम मुझे
मैं तनहा तनहा ही ठीक हूँ
मुझे चाहतों से डर लगता है
मैं नफरतों में ही ठीक हूँ
मुझे रास्तों में छोड़ दो
मुझे जुस्तजू-ऐ-मंजिल की नही
न दिखाओ मुझको रास्ता
मैं भटका हुआ ही ठीक हूँ
मेरे दोस्तों मुझे छोड़ दो
न सुलझाओ मेरी उलझनें
मुझे अदावतें ही पसंद हैं
मैं दुश्मनो में ही ठीक हूँ
मुझे खुशी की कोई तलब नही
मुझे अपना ग़म भी नवाज़ दो
मुझे आंसू पीना पसंद हैं
मैं आंसुओं में हे ठीक हूँ

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