एक लड़की थी दीवानी सी

एक लड़की थी दीवानी सी

मोबाइल लेकर चलती थी

नजरें झुका के

कुछ शरमा के



मोबाइल में जाने क्या देखा करती थी

कुछ करना था शायद उसको

पर जाने किस से डरती थी

जब भी मिलती थी मुझसे

येही पूछा करती थी




यह चालू कैसे होता है,
यह चालू कैसे होता है


और मैं सिर्फ़ येही कहता था
ये मोबाइल नही टीवी का रिमोट है

1 टिप्पणी:

Arshia Ali ने कहा…

नटखट कविता।
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दुर्गा पूजा एवं दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
( Treasurer-S. T. )

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