छीन ली नींद मेरी, तेरी इस मुस्कान ने ,
इरादों को तेरे, मै समज न सका ,
तुझको पाकर भी, पा न सका ,
आज भी मै ,तुझको भुल न सका ,
तेरी मुस्कान ने ...........
दिल मेरा जलाकर ,किसी की डोली में बैठ गई ,
दफ़न करके मेरे प्यार को ,
मुस्कान का तेरी ,कफ़न पहेनाया .........,
तेरी मुस्कान ने ......
जहाँ दफ़न किया प्यार को तुने ,
उस मजार पर आज भी ढूंढ़ता हु ,
तेरी प्यार भरी मुस्कान को ,
तु बेवफा थी , तेरी मुस्कान तो नही ,
तेरी मुस्कान ने .......,
शादी का जोड़ा किसी के नाम पहेनकर,
हमारे प्यार को क्यों "कफ़न" पहेना दिया,
तेरी मुस्कान को पाने हम आज भी ,
हमारे प्यार की मजार पर , सर अपना पटक रहे है "
---- eksacchai " टूटा ताजमहेल "
2 टिप्पणियां:
bahut achi kavita he ji aapne ek pyar main dhokha kahye huye insaaan ke dil ka haal bataya he
but u dont mind aapne ye jo kai jagha A ki matra lagai he wo sahi nahi he
बहुत अच्छी रचना.
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