गुरू-तुम भारत का नक्शा बनाकर लाए?
शिष्य- (सिर हिलाकर)नहीं गुरू जी।
गुरूजी - (गुस्से में) क्यों
शिष्य- जी, कल प्रधानमंत्री कह रहे थे कि वह इस देश का नक्शा ही बदल देगें, जो मैंने सोचा कि पहले नक्शा बदल जाए, उसके बाद बना लूंगा।
गुरू से फायदा-
एक महिला एक गुरू जी के योग शिविर में गांव से अपनी सांस के साथ आई थी। जब वह गुरूजी को उनके द्वारा बताए प्रणायाम से जो फायदा हुआ था, उसके साथ गांव से और कोन आया था। तब उस महिला ने बताया कि उसकी सास साथ आयी थी।
वह कहां है? स्वमी जी ने पूछा। उन्हें बाहर रोक कर आयी हूँ स्वामी ने पूछा। क्यों? आप ही ने तो कहा था कि सांस को बाहर रोकने से बहुत फायदा होता है
2 टिप्पणियां:
सन्देश युक्त व्यग .
मजेदार.
-शुक्रिया
हे प्रभू द्वारा शुभ मगल!
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभू यह तेरापन्थ
पढे
आत्म दर्शन का पर्व है पर्यूषण
शुक्रिया
हे प्रभू द्वारा शुभ मगल!
आभार
मुम्बई टाईगर
हे प्रभू यह तेरापन्थ
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