उसे क्या फर्क पड़ता है


हवा बन कर बिखरने से, उसे क्या फर्क पड़ता है
मेरे जीने या मरने से, उसे क्या फर्क पड़ता है
उसे तो अपनी खुशियों से , ज़रा भी फुर्सत नही मिलती
मेरे ग़म के उभरने से, उसे क्या फर्क पड़ता है
उस शख्स की यादों में, मैं चाहे रोती रहू लेकिन
तुम्हारे ऐसा करने से, उसे क्या फर्क पड़ता है

1 टिप्पणी:

लता 'हया' ने कहा…

SHUKRIYA. DUA SE AUR HAUSALA AFZAAI SE BAHUT FARQ PADATA HAI.

हिन्दी में लिखिए

विजेट आपके ब्लॉग पर

बॉलीवुड की पुकार "मैं झुकेगा नहीं साला"

बाहुबली से धीरे धीरे, आई साउथ की रेल रे..... केजीएफ- सुशांत से बिगडा, बॉलीवुड का खेल रे..... ऊपर से कोरोना आया, उसने सबका काम लगाया फिर आया ...

लोकप्रिय पोस्ट