तेरे बिन




तनहा तनहा रात गुजारी, 
तनहा तनहा दिन 
खयालो में ही खोया रहता हूँ, 
सारा सारा दिन 

नहीं सह सकता विरह की पीडा 
हर पल छिन 
अब तो आजा ओ हरजाई, 
नहीं लगता दिल तेरे बिन

5 टिप्‍पणियां:

अजय कुमार ने कहा…

wo aayegi jarror aayegi

Nirbhay Jain ने कहा…

आ जाए तो अच्छा है
वरना इन्तजार में
कट जायेगें दिन....... तेरे बिन


दिलासा देने के लिए धन्यबाद!!!!

SACCHAI ने कहा…

" vo aaayegi jaroor raat ki tanhai me "

" bahut hi acchi rachana ke liye aapko badhai ."

----- eksacchai { AAWAZ }

http://eksacchai.blogspot.com

Nirbhay Jain ने कहा…

mere hote huye aab kiska intajar he aapko kyonji............................
hume pata hi nahi he
bahut hi achi rachna he whaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa;;;;;;;;;;;;;;;;;
AMRATA JAIN

Udan Tashtari ने कहा…

उम्दा आमंत्रण..बढ़िया रचना.

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